भारत का खुख्यात हत्यारा वीरप्पन का पूरा इतिहास

भारत का कुख्यात हत्यारा विरप्पन  का पूरा नाम कूज मुनिस्वामी वीरप्पन था ।वीरपन का जन्म 18 जनवरी 1952 को कर्नाटक गाव में चरावह परिवार में हुआ ।|उसे बचपन में जंगल के मोलाकई कहकर बुलाते थे |वो काली माॅ के भक्त थे। वीरप्पन पर चन्दंन तस्करी  ,हाथी के दात तस्करी , पुलिस और वनाधिकारी की हत्या के मामले दर्ज थे ।

१९६२ को १० साल की उम्र से वीरप्पन ने अपने रिश्तेदार गुरु सेवी गौंदर ,की मदत से एक तस्कर को गोली मार दी थी ।18 वर्षे की उम्र  में वो  अवैध रुपसे शिकार करने वाले गिरोह में सदस्य बन गया |बाद में उसने एक एक गिरोह को  मारकर उनका कारोहर अपने हिस्से में लिया | वीरप्पन को प्राणी ,पक्षीयों की आवाज निकालना बहोत अच्छी तरीकेसे आता था ।

१९८७ में वीरप्पन ने फाॅरेस्ट अफसर चिदंबरम को अगवा किया।और उनकी हत्या की ।उनके इस हत्या के बाद वो सुर्खियो में आगये ।उसके बाद उसने पुलिस फोर्स उडा दिया था । जिसमें २२ लोक मारे गए।उस हादसे‌ को पलार ब्लास्ट कहते हैं ।

नवंबर १९९१ को वरिष्ठ आइएफएस अधिकारी पन्दील्लापल्ली श्रीनिवास को भी उसने मार दिया ।

१४अगस्त १९९२को उन्होंने वरिष्ठ आयपीएस अधिकारी हरिकृष्णा पे हमला किया ।

न्यूज रिपोर्ट की जानकारी के अनुसार वीरप्पन पहले चंन्दन और हाती के दात की तस्करी करता था । लेकीन जब उसके भाई बहन की हत्या हो गई और उसके जिम्मेदार पुलिस हैं ऐसा वीरप्पन को लगने लगा ।तब से वो पुलिस की हत्या और अपहरण करने लगा ।

१९९७ को वीरप्पन ने दो लोगों को पुलिस कर्मी समझकर अगवा किया था ।पर वो फोटोग्राफर निकले ।वो ११दिन वीरप्पन के यहाँ थे। उन्होंने वीरप्पन की अलग अलग कहानी सुनी।वीरप्पन हाथियों को लेकर  भावनात्मक था ।वो कहता था कि जंगल में जो भी होता हैं ।वो मेरे नाम पर डालते हैं । लेकीन यहाँ २०-२५गैंग काम करती हैं ।सब काम हम नहीं करते ।वो काम हमने छोड दिया।उन दोंनो से बात करते समय वीरप्पन‌ नैशनल ज्याॅग्राफिक मासिक पढ रहा था ।

१९९१ को उन्होंने मुधुलक्ष्मी से शादी की ।मुधुलक्ष्मी को वीरप्पन की मुछे और खुख्याती पंसद थी ।इसलिये उन्होंने वीरप्पन से शादी की ।उनकी तीन बेटीयाॅ थी कहते हैं की उन्होंने अपने नवजन्मीत तिसरी बेटी की रोने और चिखने से बचाने के लिये उसकी गला दबाकर हत्या कर दी।

ऐसा कहते हैं की वीरप्पन ने २००० से ज्यादा हाथीयों की शिकार कि थी ।लेकीन उनकी जिवनी लिखने वाले सुनाद रघुराम कहते हैं ।इसकी सख्या २०० से अधिक नहीं हो सकती।

२००० में कन्नड फिल्म के मशहूर अभिनेता राजकुमार को वीरप्पन ने अपहरण किया था ।इसका कारण बताया जाता हैं की विरप्पन का गाव कर्नाटक और राजकुमार का  तामिळनाडू था। कर्नाटक और तामिलनाडू में कावेरी नदी के लिये झगडा चालू था ।पाणी के लिये कुछ बात हो सके इसलिये विरप्पन ने राजकुमार का अपहरण कर लिया ।ये बात सब जगह फैल गई ।उसने फिरोती ५०करोड रूपये मांगी और १०८ दिंनो के बाद छोड दिया ।

वीरप्पन

२००२ में उसने कर्नाटक के मिनिस्टर नागप्पा को अगवा किया ।उसकी माॅग पुरी न होंने पर उन्होंने मिनिस्टर को मार दिया ।उस वक्त  से सरकार वीरप्पन से हार गई।

 प्रसिद्ध व्यक्ती का अपहरण करना फिरोती मांगणा ये उसके लिये कठीण नहीं था । तामिलनाडू और कर्नाटक सरकारने उसपर ५५ करोड का इनाम रखा था।

 २००३ में जयललिता ने वीरप्पन को पकडने के लिये विजयकुमार ऑफिसर को एसटीएफ का चीफ बना दिया । ऑफिसर विजयकुमार ने एक प्लन बना दिया । उन्होंने बडा दिमाख लगाकर विरप्पन के गॅगॅ में अपना आदमी डाल कर विरप्पन पर नजर रख रहे थे ।

 १८अक्टूबंर २००४ को जब वीरप्पन अपनी आख की इलाज के लिये अस्पताल जा रहा था । जंगल के बाहर पपीरापट्टी  गाॅव में उसके लिये एम्बुंलस खडी थी । उसमे वो बैठ कर चले गये ।उनको जरासा भी शक नहीं हो गया की ये एम्बुंलस एसटीएफ पुलिस कि हैं  ।एसटीएफ की टिम हाॅस्पीटल जानेवाले रास्ते पर खडी थी ।टीम के यहाँ पोहचने के बाद गाडी चला रहा एसटीएफ आदमी वहाॅ से भाग निकला।और ऑफिसर विजयकुमार ने एम्बुंलस पर फायरींग चालू की ।और विरप्पन को मार दिया ।एसटीएफ ऑफिसर विजयकुमार ने इस ऑपरेशन का नाम कोकून रखा था  । विजयकुमार कहते हैं की उसे सरेंडर करने को कहा था लेकीन उसने सूना नहीं उसने गोली चलाने शुरवात किई इसमे विरप्पन मारे गये।

 लेकीन लोगों का भरोसा नहीं हो रहा था की विरप्पन एन्काऊंटर में मर गया।उनकी लाश देखने के लिये लोंगों ने लाईन लगाई थी 

वीरप्पन ने अग्रेंजी मूव्ही  The God father को १०० बार देखा था ।उसे कन्नड संगीत अच्छा लगता था ।वो धार्मिक इंसान और माॅ  काली के बहोत बढे भक्त थे ।उसे अपनी लंबी मुछे ज्यादा पंसद थी।

तामिल के प्रसिद्ध साप्ताहिक पत्रिका नक्कीरण में आर गोपालने वीरप्पन ने मुलाखत लिया तो वो एक सितारा बन गये।

रामगोपाल वर्मा निर्मित फिल्म का नाम “लेट्स कैच विरप्पन” वीरप्पन मौत के बाद “लेट्स किल विरप्पन” रखा ।ये फिल्म सुनाद रघुराम कि किताब Veerappan: India Most wanted Man पर बनाई हैं ।

एन्काऊंटर के बाद उनका कुत्रा और बंदर  उनके गवाह बने ।कुता अपनी गवाई भोकर देता था।

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