दुनिया के सबसे रहस्मयी पद्मनाभस्वामी मंदिर का पूरा इतिहास

भारत का सबसे अमीर और ऐतिहासिक पद्मनाभस्वामी मंदिर से जुड़े रहस्य |

भारत देश के केरल राज्य में तामिलनाडू के यह कई पुरानों स्थित भगवान विष्णू का ‌ पद्मनाभस्वामी मंदिर हैं। विष्णु के 108 सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक,पद्मनाभस्वामी मंदिर का उल्लेख 6 वीं शताब्दी के इतिहास में किया गया है। कहा जाता है कि मंदिर का पुनर्निर्माण 16 वीं शताब्दी में किया गया है। यैसा जाना जाता है की यहाॅ पर भगवान विष्णू की मूर्ती मिली और बाद में मंदिर हुआ ।इस मंदिर के गर्भगृह पर भगवान विष्णू की विशाल मूर्ती हैं।भारत के प्रमुख ऐतिहासिक और अमीर मंदिरों में सें एक पद्मनाभस्वामी मंदिर हैं।शेषनाग पर भगवान विष्णू जी की मूर्ती निद्रा अवस्था पर विराजमान हैं। मंदिर में वर्षे के दो महिने में उत्सव मनाया जाता है। मंदिर का ये परिसर करीबन 7 मजिंला उंचा हैं । निगरानी की जिम्मेदारी त्रावणकोर के राजा के परिवार की होती है। 1729 को इस मंदिर ट्रस्ट की स्थापना के बाद इस मंदिर की  सभ जिम्मेदारी इस परिवार के वंशज देख रहे है।
      इस मंदिर में हिंन्दू लोंगों को ही प्रवेश मिलता हैं ।इस मंदिर में प्रवेश करने के लिये महिलांको साडी और पुरूषों कों धोती पेहन के जाना पडता हैं।

2011 में, सुंदर राजन ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि त्रावणकोर में राजा का परिवार मंदिर की निगरानी  ठीक से नहीं कर रही हैं। शीर्ष अदालत ने सात सदस्यों की टीम को मंदिर का निरीक्षण करने और विवरण रिकॉर्ड करने का निर्देश दिया। 27 जून 2011 को मंदिर के व्यवस्थापक को लेकर जो कई वर्षो से बंद दरवाजोंको खोले जो कई वर्षो से बंद थे। सबके होश उड गये जब बंद दरवाजे में हर कमरे में एक करोड से ज्यादा की धन था ।तब से यह मंदिर चर्चा में ‌आ गया। सर्वेक्षण के अनुसार, जो रहस्य सामने आए, उन्होंने इस मंदिर का नाम दुनिया के कोने-कोने में पहुंचा दिया।
        इस सर्वेक्षण में, उन्हें लोहे के दरवाजों के साथ 6 लॉकर या खाण मिलीं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन में लाॅकर खोले। जब लॉकर को खोला गया, तो जो रहस्य सामने आए, वे हैरान करने वाले थे।  इस लॉकर में सोने, चांदी, हीरे, पाचु ,मनीका   जैसे असली सोने का खजाना है।  भारतीय 1.2 लाख मिलीयन…,22 अमेरिकन बिलियन डॉलर के को इस खजाने के ऐतिहासिक मूल्य और दुनिया में इसकी कमी का एहसास होगा। दुनिया में  मिलने वाले रत्नों को शामिल करने से यह कीमत और भी अधिक बढ़ने वाली थी।
       लॉकर का नाम A से इंग्लिश F रखा।लेकिन B नाम का लॉकर अभी तक नहीं खोला गया। इस लॉकर में क्या है ? जो लाॅकर अभी तक खुला नहीं गया उसके बारे में बोलतें हैं की ये लाॅकर खोलने का प्रयास किया तब उस दरवाजे पर बने क्रोबा साप के चित्र को देखकर काम रोख दिया गया ।कुछ लोंगों का माना हैं की यह दरवाजे का खोलना अशुभ हैं ।इसलिए आज भी कोई अंदर जाने की हिम्मत नहीं करता |इस रहस्यमय लॉकर में इसके साथ बहुत सारे राझ चीजें छिपी हुई हैं।इस लॉकर के बाहर दो बड़े कोबरा सापों की तस्वीर है। दरवाजे पर कोब्रा साप द्वार कि सुरक्षा करते हैं।

पद्मनाभस्वामी मंदिर

इस लॉकर को तीन गेटों द्वारा संरक्षित किया गया है।पहला द्वार धातु की जाली से बना है और बाकी लॉकर के दरवाजे के समान है। इसे खोलने पर एक और दरवाजा होता है और यह एक लकड़ी का दरवाजा है। जब आप इसमें प्रवेश करते हैं तो यह तीसरा दरवाजा है। यह पूरी तरह से धातु का बना होता है।यदि किसी सिद्ध पुरुष द्वारा गरुड़ मंत्र का जाप किया तो यह ध्वनि स्पष्ट रुप से है यह माना जाता है कि यह दरवाजा खुल जाएगा।गरूडमंत्र बोलने में कोई शब्द गलत हुआ तो उसकी मौत हो जाये गी।यदि आप विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके इस दरवाजे को खोलने की कोशिश करते हैं, तो यह परिणाम होता है कि इस मंदिर, देश और पूरी दुनिया पर संकट आ जाएगा।इसलिए इस लॉकर के पीछे क्या है यह अभी भी एक रहस्य है।  एक विचार के साथ कोई भी फैसला नहीं होता ।इसलिए, जनता का विचार देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने आज भी लॉकर B नहीं खोलने के फैसले पर रोक लगा दी है।

कई लोग सोचते हैं कि लॉर B भी एक चाल होगी।  यह लोगों को भयभीत करके अपने खजाने की रक्षा करने का एक तरीका हो सकता है।  प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार, जब 1880 में त्रावणकोर के राजा के वंशजों ने अपने खजाने को मापा, उस समय लॉकर B में खजाने का मूल्य लगभग 12,000 करोड़ रुपये (यूएस 1. 1.8 बिलियन) था।  वहां के गहनों और रत्नों की कीमत और मूल्य को ध्यान में रखते हुए  कर ‘B’में खजाने का गैर-निर्माण 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो इसके ऐतिहासिक मूल्य को ध्यान में नहीं रखता है।

लॉकर ‘B के अंदर के दरवाजे के अंदर एक सोने की दीवार और एक सांप होने की संभावना है। यहां तक कि लॉकर B को खोले बिना, शेष लॉकर में पाया गया खजाना दुनिया में पाया गया अब तक का सबसे बड़ा खजाना माना जाता है।  यह एक डॉलर से अधिक है। यह लाखों डॉलर का है । मंदिर दुनिया का सबसे अमीरमंदिर है। लेकिन आज भी दुनिया के सामने लॉकर ‘B’ का रहस्य बरकरार है। 

 पुरान के नुसार त्रावणकोर के राजा ने इस खजाने को इस दरवाजों के पिछे छुपाया ।जिसे बाद में किसीने दरवाजें कों खोला नहीं और इसे और शापित हो गया ।एक दिन किसी ने खजाने का 7 दरवाजा खोलने कि कोशिश कि उस वक्त दरवाजे पर बने साप ने काटा और उनमें उनकी मौत हुई ।इस 7 दरवाजे खोलने के लिये कुछ मंत्र है ।जो ये मंदिर को किसी और तरीकेसे खोलने कि कोशिश कि तो ये मंदिर नष्ट हो जाएगा और कुछ समस्या उद्भेगी, बताया जाता है की भारत देश में ऐसा कोई सिद्धपुरूष नहीं मिल गया जो इस मंदिर के कढीं को सुलजा जाए ।      
          पद्मनाभस्वामी मंदिर शाही मुकूट रखा हैं जो त्रिवकोरे राजा का हैं ।वो इस मंदिर में सुरक्षित जगा रखा हैं ।पद्मनाभस्वामी मंदिर के खजाने में सबसे आकर्षित वस्तूओं में से एक 18फूट लंबा सोने का हार हैं उसका वजन 10.5किलो हैं ।और 536सैने के भारत के सिक्के 20किल्लो  ब्रिटीश सोने के शिक्के हैं।
          हिंदू आस्था के इस प्राचीन पद्मनाभस्वामी मंदिर तक पहुंचने के लिए रेलगाड़ियों, बसों के साथ-साथ हवाई मार्गों का भी उपयोग किया जाता हैं ।  देश में तिरुवनंतपुरम के सभी हवाई अड्डों से उड़ानें हैं।  इसके अलावा, ट्रेन सेवा बड़े शहर से रेल द्वारा तिरुवनंतपुरम से जुड़ी हुई है। परिवहन की बसेस स्टेशन से मंदिर तक आ जा सकती है।

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