बालासाहेब ठाकरे जिवनीःBalasaheb Thakre Biography In Hindi
बालासाहेब ठाकरे का जन्म 23 जनवरी 1926 को पुणे शहर में हुआ था उनके पिता केशव सिताराम ठाकरे बाॅम्बे प्रेसीडेंसी , ठाकरे सामाजिक कार्यकर्ते और पत्रकार थे । मुंबई राज्य में वकील उन्हे प्रबोधनकार के नाम से जाना जाता था । बालासाहेब ठाकरेजीने बचपन में ही अपनी माॅ को खोया था। बालासाहेब ठाकरे को बचपन से ही काटू्न बनाने का शौक था । प्रभोधन ठाकरे बहुत अच्छे चित्रकार थे । बालासाहेब अपने पिताजी को चित्रकार के गुरू मानते थे । बाबूराव पेंटर एक दिन उनके घर आए थे । तब उन्होंने को स्कूल छोडके के लिये और कोल्हापूर को लेकर चित्रकला की अच्छी ट्रेनिंग दि । बालासाहेब आर के प्रसिद्ध चित्रकार के बहुत अच्छे दोस्त थे ।

1960 को उन्होंने मार्मिक काटू्न अखबार चालू किया ।यह साप्ताहिक अखबार था। वो कहते थे मेरे हाथ में ब्रश नहीं होता तो में इस मुक्काम पें कभी पोहचता नहीं । बालासाहेब किसीसे मिलने नहीं जाते थे मिल्ने के लिये वो घर पर बुलाते थे ।उन्हे फोटोग्राफी करना अच्छा लगता था ।उनके यहाँ कही बढी बढी हस्तिया मिलने को वाईन पिने को आते जाते रहते थे। उनके हात में पाईप जैसी सिगारेट इंटरव्ह्यू और फोटो लेते समय हर वक्त दिखती थी।मात्रोश्री पर 19 जून 1966 को उन्होंने शिवसेना पार्टी खोली।
जर्मन के तानाशाह हिटलर को वो बडे पंसत करते थे। बाळासाहेब ठाकरे मुस्लिम लोंगो के खाफी खिलाप थे । लेकीन कही मुस्लिम लोग उनके अच्छे दोस्त थे । बालासाहेब खुले आम धमकी देते थे।वो मुंबई शहर को राजधानी बनाना चाहते थे।
1960/70 को उन्होंने लूंगी हटाओ पुंगी बजाओ युपी और बिहारी लोंगोंको हटाने के लिए आंदोलन किया।मायकल जैक्सन 1996 को भारत आये तब बालासाहेब ठाकरे जी ने उनका अच्छे से स्वागत किया और उनका आटोग्राफ लिया। सबसे बडे खिलाड़ी सचिन तेंडुलकर भी उनको बहोत पसंद करते थे। लेकिन जब उन्होंने कहा कि मुंबई सबकी हैं तो उन्होंने बड़ा विरोध किया।
1990 को काश्मिर में इस्लाम आंतकवादी हमले चल रहे थे काश्मिर पडिंत लोगों कों भगाया जा रहा था ।उसी वक्त अंबरनाथ की यात्रा चालू थी तबी आंतकवादी ने जो भी अंबरनाथ यात्रा पे आएगा। वो वापस नहीं जाएगा। तब बालासाहेब ठाकरे ने कहा कि हज यात्रा के जाने वाले सभी विमाने मुंबई विमानतळ जाती है। देखते है वो कैसी जाती हैं। अगले दिन अंबरनाथ यात्रा चालू हो गई।1990 को उनको वोट डालने के लिए और चुनाव लढने के लिए प्राबंध लगवाये था तब से वो कोई चुनाव नहीं लढे।1992 को बाबरी मस्जिद तोड़ दी गई तब आरोप था की ये मस्जिद शिवसैनिकोंने तोडी है। तब बालासाहेब ठाकरे बोले अगर मस्जिद शिवसैनिकोंने तोडी है तो गर्व कि बात है।
अभिनेता दिलीपकुमार के वो बडे चाहते थे ।उनके साथ वो काफी समय बिताते थे । जब दिलीपकुमार को पाकिस्तान की ओर से कोई अवार्ड मिला। तो उन्होंने उसके लिए विरोध किया। बालासाहेब ठाकरे कहते थे, मिलना है तो घर पे आ जाना वो कभी किसी से मिलने नहीं जाते थे। उनको बहोत से दुःख का सामना करना पड़ा ।1996 को बालासाहेब की पत्नी मीना ठाकरे का निधन हुआ ।और अगले साल कार दुर्घटना में उनके बडे बेटे बिन्दुंमाधव का निधन हो गया।2005 को जब उनके भतीजे राज ठाकरे ने शिवसेना पार्टी छोडकर अपनी नयी पार्टी बनाली तब वो तुटसे गये। 17 नवबंर 2012 को मात्रोश्री पर दोपहर में 3 बजे 33 मिनिट में उनकी ह्रदयविकार के कारण उनकी मौत हो गई । उनकी अंतविद्धि शिवाजी मैदान पर राजकिय सन्मान से हुई।
2019 को उनके जन्मदिन के दिन एक हिन्दी फिल्म रिलीज हुई।