अयोध्या राम मंदिर का इतिहास : Ayodhya Ram mandir history

उत्तरप्रदेश  के फैजाबाद  जिल्हे में अयोध्या शहर है वहा पर “राम  का किल्ला ” पर एक मश्जिद है |हिन्दुंओ की जानकारी के  अनुसार  श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और उनके  जन्मभूमी पर एक भव्य मंदिर  था |

मुस्लिम सम्राट बाबर ने राजा राणा संग्राम को वर्ष 1527 में हरा के इस मुघल में जनरल मिरबाकी को नियुक्त क्षेत्र कार्यरत किया |
सन 1528 मुघल बादशाह बाबर,मिरबाकी  बाबर ने  राममंदिर को नष्ट कर दिया और वहा बाबरी मस्जिद का निर्माण किया गया |तब1813 हिंन्दु कार्यकर्तोआ ने पहली बार बाबरी मस्जिद पर दावा किया उनका दावा था की अयोध्या का राममंदिर  तुडवा कर यहाॅ  पर बाबरी मस्जिद बनाई  |
72 सालों के बाद 1885 में  यह मामला पहली बार न्यायालय  में  पहुंचा |1934 को आसपास पहले हिन्दुंओ  कार्यकर्तो के दावे  के  बाद  विवादित भूमी पर नमाज के  समय पुजा भी होने लगी |अयोध्या में  सामुहिक  हिंसा बढ गई |1855 मुस्लिमों लोगों को मस्जिद को प्रवेश की  ईजाजत दि गई |मगर हिन्दुओं  को अंदर  जाने की इजाजत नहीं थी |

फैजाबाद की  जिल्हा अदालत से इस मामले से  जुड़ी विवादों सुनवाई यह विवाद सुर्प्रिम कोर्ट  में पहुंचा |
सन1949 को जब श्री भगवान रामजी का हिस्सा भी तोड़ दिया गया |तब मूर्ति बाबरी मस्जिद में मिली हिंन्दु कार्यकतों  का मानना था की श्री भगवान राम  जी ने  दर्शन दिया हालाँकि मुस्लिम लोगों का  आरोप  था की हिंदुओं ने रात को अंधेरे में  मूर्ति वहाँ पे रखी |फैजाबाद सरकार ने मुर्ति को हटाने का आदेश किया |सरकार ने  विवादित भूमि पर ताला लगवा दिया 
1986 को  फैजाबाद सरकार ने बाबरी मस्जिद का ताला खुलाने  का आदेश किया |हिंदुओं लोगों को पुजा करनें की अनुमति दि गई |युपी सरकार अदालत हायकोर्ट पंहुचा कर ट्रान्सपर  किया |

1992 हिंदु  कार्यकतों  के लाखों लोग मस्जिद  को गिरा दिया | देश में सब जगह दंगे बढ गये | जिसमें हजारों लोग मारे गए कई लोगों की मौत हो गई | बात में जमीन के मालिक अपने हक्क  के लिए इलाबाद हायकोर्ट में अपील की ।
2010 इलाबाद हायकोर्ट ने बाबरी मस्जिद फैसला किया विवादित स्थल, आखाडा और रामलला के तीन हिस्से16करनें का आदेश दिया।
2011 इलाबाद ने बाबरी मस्जिद विवाद पर हायकोर्ट ने रोक लगाई।
2017 को कोर्ट ने आउट ऑफ कोर्ट  बंदोबस्त का आदेश करने का आव्हान किया गया।
1 अगस्त 2019 को पैनल ने रिपोर्ट फिरसे ख्यारीस कर दिई।
2 अगस्त 2019 सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का कोई समाधान निकालने में निरर्धक रहा।
6 अगस्त 2019 सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की रोज की तरह सुनवाई चालू की ।
16 अक्टूबंर 2019 को विवाद का फैसला सुरक्षित रख लिया|


आखिर 9 नवंबर 2019 जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का आखिरी फैसला सुनाया और ये विवाद को हमेशा के लिए मिटाया ।
सुप्रीम कोर्ट ने पूरे  विवादित भूमि पर भगवान रामलला मालिक हक्क सौप दिया। और मंदिर बनाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  उनके सरकार को तीन महीने के  अंदर संस्था बनाने को कहा।  कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिये अयोध्या के प्रतिष्ठित स्थल पर जगह दी
5 अगस्त 2020 को राम जन्मभूमितीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भव्य श्री राम मंदिर बनाने के लिये  भूमिपूजन और आधारशिला किया।  इस मंदिर को बनकर तैयार होने के लिए करीब तीन साढे तीन साल का वक्त  लगेगा।

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